---Advertisement---

मुख्यमंत्री पोर्टल ‌ बना अवैध कमाई का जरिया।।

By Adarsh Umrao

Published On:

Follow Us
---Advertisement---

।। कार्यवाही के नाम पर पुलिस भी करती है
जमकर उगाही।।

।।। अवैध निर्माण ध्वस्त करने के नाम पर होती है 67 की कार्यवाही ।।
।।।तहसीलदार के कार्यालय में दर्जनों मामले हैं लंबित।।
।।। पीड़ित सालों से लगा रहे हैं तहसील के चक्कर नहीं गिराये गये अवैध निर्माण।।।

चंद्रिका दीक्षित

बिंदकी फतेहपुर तहसील क्षेत्र में मुख्यमंत्री पोर्टल योजना मात्र कागजों तक सिमट कर रह गई है और यह अधिकारियों की अवैध कमाई का जरिया बन गया है पुलिस भी इसकी आड़ में जमकर अवैध वसूली करके मनमानी रिपोर्ट लगाती है कार्रवाई के नाम पर मात्र 67 की करवाई होती है और पीड़ित सालों साल चक्कर लगाते हैं किंतु तहसील व जिला प्रशासन इस ओरगंभीर रुख नहीं अपनाते है दर्जनों मामले तहसीलदार के कार्यालय में लंबित पड़े हैं सार्वजनिक रास्तों गांव समाज की जमीनों पर अवैध निर्माण होने के बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जाता जिससे लोगों का मुख्यमंत्री की इस पोर्टल योजना से मोह भंग हो गया है
क्षेत्र के सार्वजनिक रास्तों और गांव समाज की जमीनों पर अवैध निर्माण व कब्जो को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल में लोग शिकायत तो दर्ज कराते हैं और जिस अधिकारी को इसकी जांच करनी है और रिपोर्ट भेजनी है तथा आवश्यक कार्रवाई करनी है इसके लिए ऊपर से अधिकारी का नाम निर्देशन भी पोर्टल में की गई शिकायत के बाद मैसेज में आ जाता है किंतु इन शिकायतों पर कितना कारगर कदम उठाया जाता है यह तो समय की गर्त में छिपा है जैसे ही पोर्टल की शिकायत निस्तारण के लिए तहसीलदार के कार्यालय में आती है वैसे संबंधित लेखपाल और कानूनगो को जांच और निस्तारण के लिए दी जाती है बस यही से अवैध वसूली का सिलसिला शुरु हो जाता है अतिक्रमण कारियों से जांच में लिंगाराम करने और पीड़ित को सालों साल तहसीलदार कार्यालय के चक्कर लगाने के अतिक्रमणकारियोसे लंबी रकम की सौदेबाजी तहसीलदार कार्यालय के मातहत अधिकारी वह कर्मचारियों द्वारा की जाती है इन अधिकारियों और अतिक्रमणकारियो इस बात का सौदा होता है की अवैध निर्माण एक दो साल नहीं गिरने देंगे और तब तक पीड़ित व्यक्ति चक्कर लगाते लगाते टूट जाएगा इस बात के लिए अतिक्रमणकारियोसे मुंह मांगी रकम तहसील के अधिकारी व कर्मचारी वसूल करते हैं और पीड़ित व्यक्तियों को 67 की कार्रवाई करने और अति क्रमण कारियों को नोटिस जवाब भेजने कार्यवाही करने आदि के नाम पर सालों साल दौड़ाते रहते हैं इस तरह की कार्रवाई से पीड़ित दुखी होकर मसूके मार कर बैठ जाता है और अति क्रमणकारियों की दुश्मनी ब्याज में लेकर मुख्यमंत्री की पोर्टल योजना को कोसकर अपना न्याय समझ बैठता है
परगना टप्पा जार ग्राम घेरा मजरे मदुरी थाना जाफरगंज में गाटा संख्या 294जो भुइया रानी मंदिर को आने-जाने के लिये रास्ता है जो राजस्व अभिलेखों में दर्ज है दो तीन साल पहले मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर जिलाधिकारी प्रधानमंत्री उपजिलाधिकारी तहसील समाधान दिवस थाना दिवस में शिकायत दर्ज कराई गई थी जिस पर कि दो दो लेखपाल व कानूनगो ने उच्चाधिकारियों व शासन को जो रिपोर्ट भेजा है उसमें साफ लिखा है कि उक्त गाटा संख्या राजस्व अभिलेखों में रास्ता दर्ज है और दबंगों द्वारा मकान बना कर रास्ता अवरूद्ध कर दिया गया है इसके बावजूद भी अवैध निर्माण नहीं गिराया गया है पीड़ितो ने अभी हाल में पुनः पोर्टल सहित सभी अधिकारियों के यहां शिकायत दर्ज कराई और जानमाल की आशंका भी अतिक्रमणकारियो द्वारा जताई क्योंकि दबंगों द्वारा बराबर पीड़ितो को जान से मारने की धमकी दी जा रही है इस पर पीड़ितो ने पुलिस अधीक्षक के यहां शिकायती पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी इलाकाई थाना पुलिस जाफरगंज ने जांच किया जांच में शांन्ति भंग की कार्यवाही का हवाला दिया और अंत एक लाइन लिख दिया कि घटना सत्य प्रतीत नहीं होती है क्योंकि जिस हल्का के दरोगा ने यह जांच किया था वह अपने कृत्यों के लिए क्षेत्र मे चर्चित बताया जाता है लेखपाल कानूनगो कि रिपोर्ट को तो दरोगा झुठला ही रहा है साथ ही अपने द्वारा की गई शान्ति भंग की कार्यवाही को ही चुनौती दी है जिससे जांच की निष्पक्षता पर रिश्वत की बू आ रही है जब योगी आदित्यनाथ की पुलिस का यह हाल होगा तो समझिए लोगों को मुख्यमंत्री पोर्टल योजना का
लाभ कैसे मिलेगा यह बात क्षेत्र वासियों की जुबान से सहज ही सुनी जा रही है
इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री पोर्टल योजना और 1076योजना से संबंधित अधिकारी जो निस्तारण कार्यवाही आदि की जुम्मेदारी निभाते हैं उनके लिए यह उक्त दोनों योजनाएं मात्र लाभकारी साबित होकर आमजन मानस के लिये सफेद हांथी साबित हो कर लोगों को दुहाई दे रही है आम लोगों का कहना है कि आज तक यह नहीं सुना गया है कि किसी ने पोर्टल में शिकायत दर्ज करा या हो और जांच में सब सही पाया गया हो और उच्चाधिकारी के पास रिपोर्ट पहुंची और उन्होंने आदेश जारी कर दिया हो किअबैध निर्माण ध्वस्त कर दिया जाए मेंरी जानकारी में जितने भी अवैध निर्माण गिराये गये है ज्यादातर हाईकोर्ट के हस्ताक्षेप के बाद ऐसी अवस्था मे लोगो का मोह शासन से भंग होकर न्यायपालिका में टिका हुआ है अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार इस ओर कितना ध्यान देती है

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Related Posts

Leave a Comment